Sunday, November 24, 2024
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आज बा जया एकादशी, आईं जानल जा व्रत के नियम

एकादशी व्रत के सब व्रतन में श्रेष्ठ मानल गइल बा. वैसे तो हर महीना के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में एक-एक एकादशी होला लेकिन सबहिन के अपना-अपना अलग महत्व बा. माघ महीना वैसे भी बहुत पवित्र और फलदायी मानल जाला और हिंदू पंचांग के देखल जा त माघ महीना के शुक्ल पक्ष की एकादशी के जया एकादशी के रूप में जानल जाला. आज 23 फरवरी 2021 मंगलवार के जया एकादशी के व्रत रखे के चाहीं . एकादशी के दिन संसार के संरक्षक भगवान विष्णु के समर्पित बा और मानल जाला कि एही दिन व्रत रखे और भगवान विष्णु की पूजा करे से व्यक्ति के सबहीं पाप नष्ट हो जाला, दरिद्रता दूर होवेले, घर में सुख-शांति आवेले और व्यक्ति भूत-पिशाच के योनि में जन्म लेवे से बच जाला . इ व्रत के शुभ मुहूर्त और व्रत के नियम का बा और ए दिन का ना करे के चाहीं, आईं जानल जा :

जया एकादशी शुभ मुहूर्त 

एकादशी तिथि प्रारंभ- 22 फरवरी, 2021 को शाम में 5:16 बजे
एकादशी तिथि समाप्त- 23 फरवरी, 2021 को शाम में 6:05 बजे
जया एकादशी पारण शुभ मुहूर्त- 24 फरवरी को सुबह 6.51 बजे से लेकर सुबह 9.09 बजे तक
पारण की कुल अवधि- 2 घंटे 17 मिनट

जया एकादशी पर ना करल जा इ काम

-मानल जला कि एकादशी के दिन चावल खाये से आदमी रेंगे वाला जीव की योनि में जनम लेला एही से आज के दिन भूलकर भी चावल ना खाये के ना चाहीं .
– एकादशी के दिन खान-पान और व्यवहार में संयम और सात्विकता के पालन करे के चाहिए. ब्रह्मचर्य का पूर्ण रूप से पालन करना चाहीं. 
– जया एकादशी के दिन न त चना और न ही चना के आटे से बनल चीजें खाये के चाहीं . शहद खाये से भी बचे के चाहीं . 
– सबी तिथियन में एकादशी के तिथि बहुत शुभ मानल गइल बा . इ दिन के लाभ पाये खातिर केहू के कठोर शब्द ना कहे के चाहीं, लड़ाई-झगड़ा करे से बचें के चाहीं.
– एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठ जावे के चाहीं और शाम के वक्त सोवे के भी नहीं चाहीं. साथे ना त क्रोध करे के चाहीं और ना ही झूठ बोले के चाहीं.

पूजा विधि

जया एकादशी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान आदि करके पवित्र मन से भगवान विष्णु के पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करे के चाहीं. प्रसाद, तुलसी जल, फल, नारियल, अगरबत्ती और फूल अर्पित करे के चाहीं. नारायण स्तोत्र एवं विष्णु सहस्रनाम के पाठ करे के चाहीं. एही दिन जातकन के दान अवश्य करे के चाहीं. एकादशी के व्रत जीवन में धन, मान-सम्मान, अच्छी सेहत, ज्ञान, संतान सुख और पारिवारिक सुख दिलावेला .

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