न्यूज़ डेस्क चंडीगढ़: कांग्रेस आज हरियाणा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले के आवत हाउवे. अबहिन मनोहर सरकार चैन की सांस ज़रूर लेवत बाने . लेकिन किसान आन्दोलन के बाद से अंदरखाने समीकरण बदलल बा. जेजेपी के एक धड़ा सरकार का हिस्सामें त बाने लेकिन कई बार कृषि कानूनों पर नाराज़गी ज़ाहिर कर चुकल बा. वजह साफ बाटे कि जेजेपी जउने वोट बैंक के सहारे सत्ता हासिल कइले बाटे. किसान आंदोलन में उहे तबका अब विरोध के झंडा लेके सड़क पर बा. हालांकि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला बार-बार सुलह की बात दोहरावत बाने , जबकि किसानन के विरोध लगातार जारी बा.
बीजेपी के सहयोगी जननायक जनता पार्टी के कुछ विधायक गठबंधन सरकार के खिलाफ बागी तेवर देखावत बाटे. जेजेपी के विधायक अपना नेता और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर गठबंधन के तोडे के दबाव डालत बाटें. जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली के कहना बा कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार के पक्ष में वोट करल हमार मजबूरी बा, लेकिन ए समय अइसन हालात बन गइल बा कि हमके मनोहर लाल खट्टर सरकार से गठबंधन तोड़ देबे के चाही. बबली कहने कि हालात ई बन गइल बाटे कि हम कहीं जा ना सकिला.
जेजेपी के कुछ विधायक खुलके सरकार पर सवाल उठावत बाटें
अविश्वास प्रस्ताव के भूमिका ही किसान आंदोलन के इर्द-गिर्द बनावल गईल बा. अब इ बात भी लाज़मी बा कि सदन के अंदर हर तकरीर किसान आन्दोलन के लेकर होई. लेकिन का बीजेपी-जेजेपी क हर विधायक एक ही सुर में बोलिहन. ये बात देखे में सबसे दिलचस्प रही. कहें की पिछले कुछ दिन क हाल अइसन बा कि जेजेपी के कुछ विधायक खुलके सरकार पर सवाल उठावाट बाटें.
का बा हरियाणा विधानसभा के गणित
हरियाणा विधानसभा में अभी 88 सदस्य बने. अभय चौटाला के इस्तीफे से ऐलनाबाद सीट खाली हो गईल बा. कालका के विधायक प्रदीप चौधरी के एक मामले में तीन साल के सजा भईला के बाद उनका के अयोग्य घोषित कर देवल गईल बा. जेकरा वज़ह से कालका सीट भी खाली हो गईल बा. अब सरकार को बहुमत के खातिर 45 का आंकड़ा ही चाहि. अभी भाजपा के 40, जजपा के 10, कांग्रेस के 30, निर्दलीय सात व एक हलोपा विधायक बाटें और दो सीट खाली बा.