Wednesday, September 25, 2024
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पेट्रोल-डीजल पर राज्य भर रहे खजाना, फिर संसद में कैसा हंगाम…

हर दिन बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. सरकार के इस खास फैसले से तेल की कीमतों से आम जनता को राहत मिल सकती है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पेट्रोल, डीजल की कीमतों का निर्धारण वैश्विक बाजार में चल रहे रेट के आधार पर किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी ईंधन की कुल जरूरतों का करीब 85 फीसदी दूसरे देशों से आयात करता है और वैश्विक बाजार में कीमतों का निर्धारण तेल का आयात उत्पादन और निर्यात करने वाले देश करते हैं।

पेट्रोल-डीजल की महंगाई के पीछे कच्चे तेल की उछलती कीमतों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, क्योंकि पिछले एक साल में करीब इसमें 45 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। वहीं इस महंगाई के पीछे टैक्स भी कम जिम्मेदार नहीं है।

खजाना भर रहीं सरकारें

संसद में अपने लिखित जवाब में केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बताया की 31 मार्च 2021 के वित्तीय वर्ष तक केन्द्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी के जरिए पेट्रोल पर 1,01,598 करोड़ रुपये और डीजल पर 2,33,296 करोड़ रुपये की कमाई की है। 2020-21 में राजस्थान सरकार की कमाई पिछ्ले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 15,199 करोड़ रुपये हो गई है, इसमें 1800 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। मध्यप्रदेश सरकार ने 1188 करोड़ रुपये की अधिक कमाई की है, सरकार पेट्रोल और डीजल के जरिए 11,908 करोड़ रुपये की कमाई पिछले वित्त वर्ष में की है।

हर राज्य का अपना अलग बैट

केंद्र सरकार कुछ भी कहे, विपक्ष कितना भी हंगामा कर ले बगैर सच ये है की अगर राज्य सरकारें टैक्स काम करदें तो पेट्रोल डीजल की कीमतों में ऐसे ही कमी आ जाएगी। इसके लिए आपको ये समझाना होगा की किस राज्य में कितना बैट लगाया जाता है। मध्य प्रदेश सरकार पेट्रोल पर सबसे अधिक 31.55 रुपये टैक्स वसूल रही है। जबकि, राजस्थान सरकार डीजल पर देश में सबसे अधिक 21.82 रुपये टैक्स के जरिए कमा रही है। वहीं, पेट्रोल पर राजस्थान सरकार 29.88 रुपये और महाराष्ट्र सरकार 29.55 रुपये टैक्स के जरिए प्रति लीटर कमाई करती है। डीजल से आन्ध्र प्रदेश सरकार 21.78 रुपये प्रति लीटर, मध्यप्रदेश 21.68 रुपये, उड़ीसा 20.93 और महाराष्ट्र 20.85 रुपये प्रति लीटर टैक्स के जरिए कमाई करता है।

ये आकड़ा केंद्र में काबिज भाजपा की जिन राज्यों में सरकार है, या पेट्रोल -डीज़ल के नाम पर सदन में या सड़क पर हंगामा करने वाली विपक्ष की पार्टी हो। फिर चाहे कांग्रेस शासित राज्य हो, टीएमसी की सरकार हो या शिव सेना, चाहे कोई भी विपक्षी दल हो सबकी कहानी यही है की सदन में हम हंगामा करके जनता के हमदर्द बनेगे पर अपने राज्यों में टैक्स काम नहीं करेंगे।

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