भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर सुप्रीम कोर्ट ने एक लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया है। बीजेपी और कांग्रेस पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, तो एनसीपी और सीपीएम पर 5-5 लाख रुपये का फाइन लगाया गया है। आपको बता दें की सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना के मामले में शीर्ष अदालत ने यह कार्रवाई की है।
कांग्रेस, बीजेपी, एनसीपी, सीपीआई, जेडीयू, आरजडी, रालोसपा, बसपा और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने बिहार चुनाव के दौरान अपनी पार्टी के उम्मीदवारों पर चल रहे आपराधिक मुकदमों के बारे में सार्वजनिक घोषणा नहीं की था। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इन पार्टियों के खिलाफ यह कार्रवाई की है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दे रखा है कि पार्टियों को यह घोषणा करना होगा कि उनकी पार्टी के कितने उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है कि वे अपनी वेबसाइट के होमपेज पर उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी प्रकाशित करें. इसके मुताबिक, अब हर पार्टी की वेबसाइट के होमपेज पर अब अनिवार्य रूप से एक कॉलम होगा, जिसमें ‘आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार’ लिखा होगा।
इतना ही नहीं, शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को एक समर्पित मोबाइल ऐप्लीकेशन (मोबाइल एप्प) बनाने का भी निर्देश दिया है, जिसमें उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी शामिल हो। इसका उद्देश्य है कि कोई भी मतदाता एक बार में ही अपने मोबाइल फोन पर अपने उम्मीदवार के बारे में पूरी जानकारी जुटा सके।