भगवान गणेश को प्रथन पूजनीय कहा जाता है. कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा होती है. गणेश चतुर्थी के बाद 10 दिन भगवान गणपति हमारे घर रहने के लिए आ चुके हैं . यह उत्सव 19 सितंबर तक मनाया जाएगा. चतुर्थी के दिन भगवान गणपति की प्रतिमा को लोग धूमधाम से अपने घर लेकर आते हैं और उनकी स्थापना करते हैं.
भगवान गणेश को घर में 5, 7 या 9 दिनों तक घर में बैठाने के बाद उनका विसर्जन कर दिया जाता है. कहा जाता है कि इस दौरान गणेश भगवान की सच्चे दिल से आराधना करो तो वो सारे संकटों को हरकर अपने साथ ले जाते हैं. ऐसे में अगर आप भी गणपति बप्पा को घर पर लाएं हैं तो रोजाना गणेश स्तोत्र (ganesh stotra) का पाठ जरूर करें.
गणेश स्तोत्र मंत्र-
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।।
प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।।2।।
लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ।।3।।
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम।।4।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।।
जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ।।7।।
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।8।।
गणेश स्तोत्र का क्यों करें जाप-
संकट मोचन गणपति स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करने से व्यक्ति को कई प्रकार की अड़चनों से मुक्ति मिलती है और सभी संकटों का नाश होता है। मान्यता है कि इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को उसके कष्टों से मुक्ति मिलती है।