मोदी सरकार के पूर्व और मौजूदा मंत्री के बीच एक बंगले को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। हाल ही में कैबिनेट से हटाए गए पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 27 सफदरजंग रोड पर स्थित बंगले को खाली करने से इनकार कर दिया है। मंत्री के तौर पर उन्हें यह बंगला मिला था, जिसे उनको अब नियमों के मुताबिक एक महीने में खाली करना था। लेकिन वह इसी में बने रहना चाहते हैं और कहा जा रहा है कि उन्हें डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स से इसकी परमिशन भी मिल गई है। लेकिन बात यहां आकर फंस गई है कि इसी बंगले में नए नागरिक उड्डयन मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया रहना चाहते हैं।
सफदरजंग के मकबरे के पास लुटियन दिल्ली में स्थित इस बंगले पर सिंधिया परिवार लंबे समय से रहता रहा है। खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी 2019 में लोकसभा चुनाव हारने तक इसी बंगले में रह रहे थे। इससे पहले उनके पिता माधवराव सिंधिया भी यहीं सालों तक रहे। यहां तक कि उन्होंने इसी बंगले पर अंतिम सांस ली थी। कहा जा रहा है कि इसी के चलते सिंधिया का इस बंगले से खास लगाव है और वे इसमें ही शिफ्ट होना चाहते हैं। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल जब वह बीजेपी में शामिल हुए तो उन्हें तीन बंगलों का ऑफर दिया गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यालय ने साफ किया है कि लोकसभा सचिवालय के नियमों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, पूर्व राज्यपाल और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष में से यदि कोई सांसद दो अर्हताएं रखता हो तो वह टाइप आठ बंगले में रहने का हकदार है। निशंक पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं तथा लोकसभा सचिवालय ने उन्हें टाइप 8 मकान के लिए अधिकृत किया है। वह पहले से ही इस श्रेणी के मकान में रह भी रहे हैं। इसके अलावा उन्हें किसी ने यह बंगला खाली करने को भी नहीं कहा है।