उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में प्रशासन के लापरवाही से सैकड़ों वर्ष पुराना अक्षयवट पेड़ गिर गयल . काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) के ठीक बगल में ये पेड़ रहे. बता देंही की काशी, प्रयाग और गया मात्र तीन जगहों पर ई अक्षयवट पेड़ बा. इ वृक्ष से जुड़ी कई मान्यताएं बा. यही नहीं, यहां कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान भी होला.
जानकारी के अनुसार काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य के दौरान ये अक्षयवट वृक्ष गिर गयल. उधर अक्षयवट वृक्ष गिरने से पंडे-पुजारियों में घोर निराशा और आक्रोश में बानें, मामले में जिला के बड़े अधिकारि चुप्पी साध लेने बाने.
कई धार्मिक मान्याएं जुड़ल बा अक्षयवट वृक्ष से
बतावल जाला कि पूरे भारत में सिर्फ 3 जगह पर अक्षयवट वृक्ष विराजमान बाने. ये जगह काशी, गया और प्रयाग में बा. गया में वृक्ष के नीचे पिंडदान कयल जाला, वहीं प्रयागराज में सिर मुंडन होला त काशी में इ वृक्ष के नीचे दंडी स्वामी के भोजन करावे के मान्यता बा. तीनों स्थान पर हनुमान जी तीन स्वरूप में विराजमान बाने. गया में जहां हनुमानजी बैठेल बाने, वहीं प्रयागराज में लेटल बाने और किले के अंदर बाने, वहीं काशी में खड़े हनुमान जी बाने.