पेट्रोल-डीजल के कीमतों को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। अब ऐसे में सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पिछले एक वर्ष में पेट्रोल और डीजल पर केन्द्रीय करों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। आपको बता दें की पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। पर सवाल ये खड़ा होता है की टैक्स में बृद्धि नहीं हुई तो पेट्रोल-डीजल सौ के पर कैसे पहुंचा है।
यहां यह जान लेना जरूरी होगा कि अप्रैल 2020 से अभी तक पेट्रोल की कीमत 32 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ गई है। पर पुरी ने कहा कि पिछले एक वर्ष में पेट्रोल और डीजल उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के खुदरा बिक्री भाव में हुई वृद्धि उच्च अंतरराष्ट्रीय उत्पाद मूल्यों तथा विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा वसूले गए वैट में वृद्धि के कारण ऐसा हो रहा ह।
पुरी ने कहा कि पेट्रोल -डीजल की कीमतों को क्रमश: 26 जून 2010 और 19 अक्टूबर 2014 से बाजार निर्धारित बना दिया गया है। उसके बाद से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां अंतरराष्ट्रीय उत्पाद मूल्यों तथा अन्य बाजार दशाओं के आधार पर पेट्रोल और डीजल के मूल्य निर्धारण के संबंध में निर्णय लेती हैं।