इ मान्यता बा कि महाशिवरात्रि के पर्व भगवान शिव के समर्पित होला. ए दिन भगवान शिव के साथ साथ शिव परिवार के भी पूजा कईल जाला. मानल जाला कि शिवरात्री के दिन भगवान शिव और माता पार्वती क मिलन भईल रहे. महाशिवरात्रि क पूजा से कई प्रकार के कष्टों के दूर होला.
महाशिवरात्रि पर इन ग्रहों के करी शांत
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव जी के पूजा कइले से शनि देव, राहु, मंगल और चंद्रमा के विशेष शांति होलें . साथे अन्य कई ग्रह के भी दोष दूर हो जाला.
शनि के साढ़ेसाती और शनि के ढैय्या
मिथुन राशि और तुला राशि पर शनि के ढैय्या चलत बा, वहीं धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चलत बा, साथे जेकरा कुंडली में शनिदेव अशुभ फल प्रदान करत बाने , उनके महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के विधि पूर्वक पूजा करे के चाही.
भगवान शिव मनचाहे वर के कामना पूर्ण करिहे
महाशिवरात्रि के व्रत मनचाहा वर के कामना के भी पूरा करेला, शादी विवाह में आवे वाली बाधा के भी दूर करे में महाशिवरात्रि के व्रत उत्तम मानल जाला.
महाशिवरात्रि पर इन मंत्रन के जाप करें
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
भगवान शिव के मूल मंत्र
ऊँ नम: शिवाय
रूद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।।
महामृत्युंजय गायत्री मंत्र
ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवद्र्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: ॐ स: जूं हौं ॐ ॥