लगभग 500 वर्षों से अधिक समय से प्रतीक्षा कर रहे करोड़ो हिन्दुओं का इंतजार अब 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही ख़त्म हो जाएगा । करोड़ो हिन्दुओं के नयन आज अश्रु से भर जायेंगे जब वे अपने आराध्य भगवान राम के बाल्यावस्था की तस्वीर देखेंगे जिनकी प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। प्रभु श्रीराम के नयनाभिराम दर्शन के लिए भक्तों बेसब्री से इंतजार कर हैं। आज गर्भ गृह से प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की पहली भव्य तस्वीर आज सामने आई है। इस तस्वीर में श्रीराम के चेहरे पर बालपन का मधुर मुस्कान, माथे पर तिलक और हाथों में वीर योद्धा की तरह धनुष-बाण दिखाई दे रहा है .
51 इंच की है रामलला की मूर्ति
आज जब पहली बार रामलला की मूर्ति की तस्वीरें सामने आई तो वह सफेद कपड़े से ढकी हुई थी। इसे मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार किया गया है जिसकी लम्बाई 51 इंच है। भगवान रामलला की मूर्ति को गुरुवार को मंदिर में लाया गया था। मूर्तिकार अरुण योगीराज कर्नाटक के रहने वाले हैं। मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों की पांच पीढ़ियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक डिमांड वाले मूर्तिकार हैं। आपको बताते चलें कि मूर्तिकार अरुण की प्रधानमंत्री मोदी भी प्रशंसा कर चुके हैं। अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं। उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था।
मंत्रोच्चार के साथ रामलला को गर्भगृह में विराजमान
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट जो मंदिर के निर्माण की देखरेख करने वाली संस्था है के अनुसार मंत्रोच्चार के साथ रामलला को गर्भगृह में विराजमान किया गया था।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट उडुपी पेजावर मठ के ट्रस्टी श्री विश्वप्रसन्ना तीर्थ ने कहा कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा कारणों से उद्घाटन के दिन केवल आमंत्रित अतिथियों को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। आम लोग 22 जनवरी को राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के बाद अगले दिन से मंदिर में जाकर भगवान रामलला का दर्शन कर सकेंगे।
3.4 फीट ऊंचा है रामललाल का आसन
बुधवार रात को क्रेन की मदद से रामलला की मूर्ति को राम मंदिर परिसर के अंदर लाया गया था जिसकी तस्वीर भी सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आई थी। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले उनका आसन भी तैयार किया गया है। रामलला का आसन 3.4 फीट ऊंचा है, जिसे मकराना पत्थर से बनाया गया है।