Covid-19 के संक्रमण से खुद को बचाने के लिए लोग तरह-तरह की सावधानियां बरत रहे हैं। सरकार ने भी देशभर में लॉकडाउन का एलान कर दिया है ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। लोगों से बार-बार हाथ धोने की अपील की जा रही है। अब सवाल उठता है कि घर में रहते हुए साबुन से हाथ धोना बेहतर है या फिर सैनिटाइजर से।
जब आप अपने हाथों को तेजी से कीटाणुरहित करना चाहते हैं, तो आप हैंड सैनिटाइज़र प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन साबुन और पानी से हाथ धोने की तुलना में हैंड सैनिटाइज़र कितना प्रभावी है? आइये जानते हैं :-
जब आप के हाथ बहुत गंदे हों जैसे , ग्रीस या मिटटी में काम करने के बाद , उस समय साबुन और पानी से हाथ धोना आवश्यक है क्योकि आप के हाथ स्पष्ट रूप से गंदे हैं या वायरस इन्फेक्टेड है ।
- पहले अपने हाथों को साफ बहते पानी से गीला करें और साबुन लगाएं।
- अपने दोनों हाथों को एक साथ रगड़ें, अच्छी तरह से रगड़कर साफ़ करें; अपने हाथों की पीठ को, अपनी उंगलियों के बीच और अपने नाखूनों के नीचे रगड़ें ।
- कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को रगड़ना जरुरी है , समय का ध्उयान रखने के लिए आप चाहें तो 1-20 तक गिनती 2 बार कर सकते हैं या दो बार “हैप्पी बर्थडे” गाना गुनगुना सकते है।
- बहते नल के नीचे अपने हाथों को अच्छे से रगड़ें।
- एक साफ तौलिया या हवा सूखी का प्रयोग करके अपने हाथों को सुखाएं।
खाना बनाने या खाने से पहले हमेशा हाथ साफ करें। बाथरूम का उपयोग करने के बाद या किसी भी वस्तु या जानवर को छूने या घर को साफ करने के बाद, कूड़े को एकत्रित करने पर और बाद में, घावों का इलाज करने के बाद, खांसने, छींकने या बहती नाक साफ करने पर और किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने पर जो की उपरोक्त कार्यकर्ता हो आप को अपने हाथों को साफ धुलना आवश्यक है ।
क्यों बेहतर है हैंड सैनेटाइजर का इस्तेमाल
- साबुन में फैटी एसिड और सॉल्ट जैसे तत्व होने की वजह से ये सैनिटाइजर से बेहतर होता है। साबुन में छिपे ये तत्व वायरस को पूरी तरह से निष्क्रिय कर देते हैं। जिससे आपको संक्रमित होने का खतरा कम हो जाता है।
- साबुन में वायरस में मौजूद लिपिड को तेजी से मार गिराने की क्षमता है। साबुन काफी गहराई में जाकर कीटाणुओं को मारता है।
- सैनिटाइजर का प्रयोग आप ऐसी जगह कर सकते हैं जहां साबुन का विकल्प मौजूद न हो। मान लीजिए आप किसी ऐसी जगह हों जहां साबुन से बार-बार हाथ धोना संभव नहीं होता है। ऐसे में सैनिटाइजर बेहतर विकल्प है।
- 60 प्रतिशत से ज्यादा अल्कोहल की मात्रा वाला सैनिटाइजर ही साबुन का विकल्प हो सकता है। तो जब भी आप बाजार जाएं सैनिटाइजर खरीदने पहले ये जरूर देख लें कि उसमें अल्कोहल की कितनी मात्रा है। 60 प्रतिशत से कम होने पर आप साबुन का इस्तेमाल ही करें तो बेहतर होगा।
- हालांकि ट्राइक्लोसान (एक तरह का कैमिकल) का इस्तेमाल हैंड सैनिटाइजर में किया जाता है। यह केमिकल हाथों की त्वचा को सोखते हुए अंदर तक चला जाता है और कीटाणुओं को नष्ट कर देता है। एंटीबैक्टीरियल साबुन का उपयोग करना सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, अल्कोहल-आधारित हाथ सैनिटाइज़र आपके हाथों पर कीटाणुओं और जीवाणुओं की मात्रा को कम करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन वे सभी प्रकार के जीवाणुओं से छुटकारा नहीं देते हैं। यदि आपके हाथों पर गंदगी, ग्रीस या अन्य पदार्थ हैं, तो वे कम प्रभावी हो सकते हैं, इसलिए इसका उपयोग हाथ धोने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।